सावरकर विवाद: राहुल गांधी की याचिका खारिज, गोडसे संबंधी तर्क नहीं माना कोर्ट
Savarkar controversy: Rahul Gandhi's petition rejected, court did not accept argument related to Godse
नई दिल्ली / विशेष प्रतिनिधि : स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर के मानहानि से जुड़े बहुचर्चित मामले में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पुणे की विशेष एमपी/एमएलए अदालत से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने सात्यकी सावरकर की मातृवंशावली की जांच की मांग करते हुए दाखिल राहुल गांधी की याचिका को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि मामला सात्यकी की वंशावली से संबंधित नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह राहुल गांधी के कथित मानहानिकारक बयान पर आधारित है।
क्या है पूरा मामला?
यह प्रकरण राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए एक कथित भाषण से संबंधित है, जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी। इस पर सात्यकी सावरकर जो कि वीर सावरकर के वंशज हैं ने उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया था। राहुल गांधी के वकीलों ने अदालत में एक याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि सात्यकी सावरकर ने अपनी मातृवंशावली से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी छुपाई है। राहुल गांधी की ओर से यह दावा किया गया कि सात्यकी सावरकर की माता हिमानी अशोक सावरकर, महात्मा गांधी के हत्यारे नथुराम गोडसे के छोटे भाई गोपाल विनायक गोडसे की पुत्री हैं। राहुल गांधी के अनुसार, यदि यह जानकारी सत्य है, तो इससे इस मामले की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो सकते हैं, और इसलिए उनकी मातृवंशावली की जांच आवश्यक है।
न्यायालय ने क्या कहा?
पुणे के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अमोल शिंदे ने इस याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि:
“यह मुकदमा केवल आरोपी (राहुल गांधी) द्वारा लंदन में दिए गए वीर सावरकर के विरुद्ध कथित अपमानजनक बयान से संबंधित है। यह मामला सात्यकी सावरकर की दिवंगत माता हिमानी सावरकर या उनके पारिवारिक वंश से संबंधित नहीं है। याचिकाकर्ता द्वारा पेश की गई दलीलों में कोई भी कानूनी या तर्कसंगत आधार नहीं है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।”
सात्यकी सावरकर का जवाब: “राहुल गांधी कोर्ट से डरते हैं”
फैसले के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सात्यकी सावरकर ने कहा:
राहुल गांधी न्यायालय में आने से डरते हैं। वे कोर्ट में पेश होने से बचने के लिए लगातार बहाने बना रहे हैं। यह मानहानि का मामला है, जिसे हम अंतिम सांस तक लड़ेंगे। राहुल गांधी का इसमें निश्चित रूप से पराजय होगा।
सात्यकी ने राहुल गांधी पर यह भी आरोप लगाया कि वे मुकदमे की दिशा को बदलने के लिए गोडसे परिवार का सहारा ले रहे हैं, लेकिन यह चाल नाकाम हो गई है।
वीर सावरकर पर टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद
राहुल गांधी ने लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी में कहा था कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार से माफी मांगी थी। इस टिप्पणी को लेकर देशभर में तीव्र आलोचना हुई, विशेष रूप से महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) ने इसे वीर सावरकर का अपमान बताया। इस फैसले से कांग्रेस को राजनीतिक झटका लग सकता है, खासकर महाराष्ट्र में जहां वीर सावरकर को लेकर गहरी भावनात्मक लगाव है। इस मुकदमे का फैसला आगामी लोकसभा चुनावों पर भी प्रभाव डाल सकता है, खासकर सावरकर समर्थकों और राष्ट्रवादी मतदाताओं के बीच। राहुल गांधी को मानहानि केस में कानूनी झटका मिला है। अदालत का यह फैसला बताता है कि निजी हमलों और वंशावली के माध्यम से मुकदमे की दिशा बदलने की कोशिशें सफल नहीं होंगी। सात्यकी सावरकर की ओर से भी यह स्पष्ट संकेत है कि यह मामला सिर्फ वीर सावरकर की प्रतिष्ठा से जुड़ा है, और इसमें कोई समझौता नहीं होगा।




