
अब नहीं होंगे तेंदुओ के हमले – गणेश नाईक का दावा
Leopard Attacks Will No Longer Occur - Ganesh Naik claims
नागपुर/तुषार पाटिल : महाराष्ट्र में इंसान और जंगली जानवरों, विशेषकर तेंदुओं के बीच बढ़ते टकराव को देखते हुए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की है। विधानसभा में चर्चा के दौरान वन मंत्री गणेश नाईक ने बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा गया है और सभी संबंधित विभागों तथा जनप्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक जल्द आयोजित की जाएगी।
नाइक ने कहा कि पुणे, अहिल्यानगर और नासिक जिलों में तेंदुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। चूंकि तेंदुआ वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के शेड्यूल I में शामिल है, इसलिए कार्रवाई की सीमाएँ हैं। इसी वजह से केंद्र सरकार को तेंदुओं को शेड्यूल I से शेड्यूल II में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्र ने राज्य में पांच तेंदुओं की नसबंदी की अनुमति भी दे दी है और उसका काम शुरू हो चुका है।
राज्य सरकार ने जुन्नार में स्थापित तेंदुआ रेस्क्यू सेंटर का विस्तार करने के निर्देश दिए हैं, जबकि अहिल्यानगर में नया रेस्क्यू सेंटर शुरू करने की तैयारी है। तेंदुआ-प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पिंजरे उपलब्ध कराए गए हैं और जरूरत के अनुरूप इन्हें बढ़ाया जाएगा। तेंदुओं की गतिविधियों पर नजर रखने और ग्रामीणों को अलर्ट देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिस्टम भी तैयार किया गया है।
गृह, वन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें गश्त पर तैनात की जा रही हैं, साथ ही स्थानीय युवाओं को भी इसमें शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। स्कूलों के समय में बदलाव और जंगल की सीमा पर बांस की बाड़ लगाने जैसे कदम भी उठाए जा रहे हैं। विधानसभा में डॉ. जितेंद्र आव्हाड, नाना पटोले, शरद सोनवणे सहित कई सदस्यों ने इस मुद्दे पर चिंता जताई।