Babri मस्जिद विध्वंस: 6 दिसंबर का ऐतिहासिक दिन
Babri Masjid Demolition: The Historic Day of December 6

नवी मुंबई/सान्वी देशपांडे : 6 दिसंबर 1992 भारतीय इतिहास की उन घटनाओं में दर्ज है, जिसने देश की राजनीति, समाज और साम्प्रदायिक संबंधों पर गहरा प्रभाव छोड़ा। इसी दिन अयोध्या में स्थित 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद को विश्व हिंदू परिषद तथा उससे जुड़े संगठनों के कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ ने ढहा दिया था। यह संरचना लंबे समय से विवाद के केंद्र में थी, जहां हिंदू पक्ष भगवान राम के जन्मस्थान का दावा करता था, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे ऐतिहासिक मस्जिद के रूप में मानता था।
घटना के दिन लाखों कारसेवक अयोध्या में एकत्र हुए थे। दोपहर बाद भीड़ उग्र हो गई और सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए मस्जिद के गुंबदों पर चढ़ गई। कुछ ही घंटों में यह ढांचा पूरी तरह ध्वस्त हो गया। इस घटना ने पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव को भड़का दिया और कई राज्यों में हिंसा फैल गई। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद अनेक जांच आयोग बने, अदालतों में मुकदमे चले और यह विवाद वर्षों तक देश की राजनीति का केंद्र बिंदु बना रहा।
6 दिसंबर को आज भी देशभर में ‘शहादत दिवस’ और ‘घटनाक्रम स्मृति दिवस’ के रूप में याद किया जाता है।
अंततः 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का निपटारा करते हुए विवादित भूमि हिंदू पक्ष को मंदिर निर्माण के लिए देने और मुस्लिम पक्ष को पाँच एकड़ वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराने का आदेश दिया। 2020 में राम मंदिर का भूमि पूजन किया गया और 2024 में भव्य श्रीराम मंदिर का उद्घाटन हुआ। आज राम मंदिर अयोध्या की पहचान और करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन चुका है।


