
First Time होगा बिना विपक्ष नेता के अधिवेशन !
For the first time, the session will be held without a Leader of the Opposition!
नागपुर/प्रितिनिधि : महाराष्ट्र विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसी अभूतपूर्व स्थिति उत्पन्न हुई है, जब 8 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन अधिवेशन में न तो विधानसभा और न ही विधान परिषद में अधिकृत विपक्षी पक्षनेता मौजूद होगा। नियमों के अनुसार किसी दल को विपक्षी पक्षनेता का पद तभी मिलता है जब उसके पास सदन की कुल सदस्य संख्या का कम से कम 10% यानी 288 सदस्यों वाली विधानसभा में 29 विधायक होना अनिवार्य है। इस बार कोई भी दल इस सीमा तक नहीं पहुंच पाया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति राज्य में बने राजनीतिक समीकरणों और असंतुलन को दर्शाती है। विपक्षी पक्षनेता के बिना सरकार पर प्रभावी निगरानी रखना, तीखे सवाल उठाना और सदन में संतुलन बनाए रखना अधिक चुनौतीपूर्ण होगा।
इधर, नागपुर में अधिवेशन के दौरान मौसम भी कड़ाके का रहने वाला है। मौसम विभाग ने तापमान में 2 डिग्री तक गिरावट का अनुमान जताया है। बाहर ठंड तेज होने के बावजूद सदन के भीतर गरमागरम चर्चाओं और तीखी बहसों की उम्मीद है। जमीन घोटाला, कर्जमाफी, महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, और कुंभमेळा वृक्षतोड जैसे मुद्दों पर सरकार और विपक्ष के बीच जोरदार टकराव होने की संभावना है। ऐसे में यह अधिवेशन बेहद गरमागरम और महत्वपूर्ण ठरने वाला है।



