गोवर्धन पूजा: गुजरात में अनोखी ‘लूट’ परंपरा का आयोजन
Govardhan Puja: Unique ‘Looting’ Tradition Celebrated in Gujarat

नई दिल्ली: कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर आज गोवर्धन पूजा 2025, जिसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। यह पर्व भगवान कृष्ण द्वारा वृंदावनवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाने की दिव्य लीला की स्मृति में मनाया जाता है।
इस दिन भक्तजन विशेष रूप से भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं, दीपक जलाते हैं और अन्नकूट भोग तैयार करते हैं। अन्नकूट भोग के माध्यम से लोग भगवान से समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-शांति की कामना करते हैं।गुजरात के डाकोरा स्थित रांचेन्द्रराय मंदिर में गोवर्धन पूजा के दौरान एक अनोखी परंपरा देखने को मिलती है। पूजा के बाद यहां अन्नकूट समारोह का आयोजन होता है, जिसमें भोग को भगवान को अर्पित किया जाता है। इसके बाद आसपास के अस्सी गांवों के लोग आमंत्रित किए जाते हैं और अन्नकूट प्रसाद की ‘लूट’ की जाती है। यह परंपरा सदियों से निभाई जा रही है और स्थानीय समुदाय के लिए विशेष महत्व रखती है।
भक्तजन इस अवसर पर न केवल धार्मिक भक्ति में लीन होते हैं, बल्कि सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक उत्सव का आनंद भी लेते हैं। दीपक, भजन और प्रसाद के माध्यम से यह पर्व न केवल भगवान कृष्ण की लीला की याद दिलाता है, बल्कि लोगों के जीवन में सुख-शांति और खुशहाली भी लाता है।



