International Yoga Day : 21 जून बना महाराष्ट्र की राजनीति का टर्निंग पॉइंट: एकनाथ शिंदे की टिप्पणी से हलचल
International Yoga Day : 21st June became the turning point of Maharashtra politics: Eknath Shinde's comment caused a stir
मुंबई/प्रतिनिधी : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार, 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के मौके पर एक खास कार्यक्रम के दौरान दिए गए अपने बयान से राजनीतिक गलियारों में चर्चा को जन्म दे दिया। शिंदे ने अपने खास अंदाज़ में कहा, “तीन साल पहले 21 तारीख को हमने एक बड़ा मैराथन योग किया था,” और इस मिश्कील टिप्पणी ने न सिर्फ योग दिवस की महत्ता को रेखांकित किया, बल्कि बीते तीन वर्षों में महाराष्ट्र की राजनीति में आए भारी बदलाव की ओर भी इशारा किया। अपने राजनीतिक करियर के एक महत्वपूर्ण मोड़ की ओर इशारा करते हुए शिंदे ने कहा, “तीन साल पहले इसी 21 तारीख को हमने परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया था। उसी मैराथन योग ने महाराष्ट्र की सूरत बदल दी। आज जो कुछ भी आप देख रहे हैं, वह उसी दिन लिए गए निर्णयों का परिणाम है।” यहाँ शिंदे का संकेत 21 जून 2022 की ओर था, जब उन्होंने उद्धव ठाकरे की शिवसेना से बगावत कर राज्य की राजनीति में एक बड़ा भूचाल ला दिया था। उनकी इस बगावत ने अंततः महाराष्ट्र सरकार में सत्ता परिवर्तन ला दिया और भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार का गठन किया गया।
“हर क्षेत्र में इंसान तनाव झेलता है। योग ही एकमात्र माध्यम है जिससे यह तनाव कम किया जा सकता है। योग कोई एक दिन का कार्य नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है। हर व्यक्ति को प्रतिदिन योग करना चाहिए।
~ डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे
‘विकास ही हमारा अजेंडा’
शिंदे ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में महाराष्ट्र में विकास की नई लहर आई है। पिछले तीन वर्षों में हमने सिर्फ और सिर्फ विकास पर ध्यान दिया है। आज राज्य के हर कोने में इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार, उद्योग, और नागरिक सुविधाओं को लेकर सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं। विकास ही हमारा एकमात्र अजेंडा है।” उन्होंने दावा किया कि “21 जून का दिन महाराष्ट्र के लिए भाग्यशाली सिद्ध हुआ है। आज राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसकी नींव तीन साल पहले रखी गई थी।”
योग और राजनीति का अनोखा संगम
शिंदे का यह बयान न केवल योग के महत्व को उजागर करता है, बल्कि उसमें छिपे हुए राजनीतिक संदेश ने भी सबका ध्यान खींचा। ‘मैराथन योग’ की उपमा के जरिए उन्होंने अपने उस ऐतिहासिक फैसले को याद दिलाया जिसने महाराष्ट्र की सियासत की दिशा ही बदल दी थी। इस मौके पर कार्यक्रम में अन्य मंत्री, अधिकारी और योग प्रशिक्षकों की भी उपस्थिति रही। पूरा वातावरण योगमय था, लेकिन डिप्टी सीएम शिंदे के मिश्कील बयान ने इसे और भी खास बना दिया। योग दिवस के मौके पर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का बयान जहां एक ओर योग के महत्व को रेखांकित करता है, वहीं दूसरी ओर बीते तीन वर्षों में उनके नेतृत्व में हुए राजनीतिक परिवर्तनों और विकास कार्यों को भी दर्शाता है। उनका यह ‘मैराथन योग’ बयान निश्चित रूप से लंबे समय तक राजनीतिक चर्चा का विषय बना रहेगा।


