Sandip Naik Initiative | विकास के साथ पर्यावरण का संतुलन जरूरी: पूर्व विधायक संदीप नाइक
Sandip Naik Initiative: Environmental balance is necessary along with development: Ex. MLA Sandip Naik
नवी मुंबई/सुमित गायकवाड : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नवी मुंबई के करावे गांव स्थित स्वर्गीय गणपत शेठ तांडेल मैदान में एक भव्य वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया। यह आयोजन संदीप नाइक प्रतिष्ठान और ग्रीन होप संस्था के संयुक्त तत्वावधान में पूर्व विधायक संदीप नाइक के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर पर्यावरण हितैषी जूट बैग्स का वितरण भी किया गया। इस वर्ष यह वृक्षारोपण अभियान 20 वर्ष पूर्ण कर चुका है। इस मौके पर संदीप नाइक ने कहा, “विकास के साथ पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना और जैव विविधता का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।”
वृक्षारोपण केवल पर्यावरणीय औपचारिकता नहीं बल्कि बिगड़ते पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित करने की एक सामाजिक जिम्मेदारी है। ~ संदीप नाइक
अभियान में स्थानीय नागरिकों, छात्रों, स्वयंसेवी संस्थाओं, वरिष्ठ नागरिकों, खिलाड़ियों और युवाओं ने भारी संख्या में भाग लिया।
संदीप नाइक ने वनों की कटाई, खुली हरित जगहों की कमी, शहरी क्षेत्रों में बढ़ते कंक्रीटीकरण, वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण जैसे गंभीर पर्यावरणीय मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने नागरिकों और प्रशासन से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की। पूर्व विधायक ने “डीपीएस तालाब” को संरक्षित वन का दर्जा दिलाने के ऐतिहासिक निर्णय को याद करते हुए वनमंत्री गणेश नाइक का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि यह निर्णय स्थानीय नागरिकों के सहयोग से चलाए गए जनआंदोलन का फल था। फ्लेमिंगो पक्षियों का यह अधिवास नवी मुंबई की पहचान है और इसे बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। संदीप नाइक ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल विश्व पर्यावरण दिवस तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें साल के 365 दिन सभी को भागीदार बनना चाहिए।
“मागेल त्याला झाड“
संदीप नाइक प्रतिष्ठान और ग्रीन होप संस्था द्वारा वर्ष भर चलने वाली “मागेल त्याला झाड” पहल के तहत नागरिकों को मुफ्त में पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं। गांव-गांव, डोंगर, सोसायटी, मैदान, सड़क किनारे और अन्य खाली स्थानों पर स्थानीय जलवायु और परिस्थितियों के अनुसार वृक्षारोपण किया जाता है। संस्था द्वारा नागरिकों को पौधों की देखभाल और पर्यावरण संरक्षण के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है।




