Ancient तमिल इतिहास को मिली राष्ट्रीय पहचान
Ancient Tamil History Receives National Recognition
विशेष/प्रतिनिधि : उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने नई दिल्ली स्थित उपराष्ट्रपति भवन में प्राचीन तमिल शासक सम्राट पेरुंबिदुगु मुथरैय्यर द्वितीय (सुवरण मारन) के सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तमिल संस्कृति और भाषा के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने काशी तमिल संगमम् जैसी पहलों और तमिल राजाओं, स्वतंत्रता सेनानियों व नेताओं को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह डाक टिकट तमिल विरासत को सम्मान देने की निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा है।
सम्राट पेरुंबिदुगु मुथरैय्यर मुथरैय्यर वंश के प्रतिष्ठित शासक थे, जिन्होंने 7वीं से 9वीं सदी के बीच मध्य तमिलनाडु पर शासन किया। उनका योगदान प्रशासन, सैन्य कौशल, मंदिर निर्माण, सिंचाई व्यवस्था और तमिल साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय रहा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डाक टिकट जारी होने पर प्रसन्नता जताते हुए युवाओं से उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।