Prime Minister नरेन्द्र मोदी ने कहा, प्राकृतिक खेती से विविधता को बढ़ावा
Prime Minister Narendra Modi said, "Natural farming promotes diversity."
विदेश/प्रतिनिधि : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर देते हुए कहा है कि यह पद्धति जैव विविधता को बढ़ावा देती है, जहां पेड़-पौधे और मवेशी सह-अस्तित्व में रहकर पर्यावरण को मजबूत बनाते हैं। सोशल मीडिया पर एक विस्तृत लेख साझा करते हुए उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को अपनाएँ और आगे बढ़ाएँ।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती का आधार भारत का पारंपरिक कृषि ज्ञान और आधुनिक पारिस्थितिक सिद्धांत हैं, जिनसे बिना सिंथेटिक रसायनों के फसल उगाई जा सकती है। यह पद्धति बाहरी केमिकल इनपुट पर निर्भर रहने की बजाय कृषि अवशेषों के पुनर्चक्रण के जरिए मृदा स्वास्थ्य को मजबूत करती है।
उन्होंने बताया कि दो सप्ताह पहले कोयंबटूर में आयोजित प्राकृतिक खेती शिखर सम्मेलन में उनकी सहभागिता ने उनके मन पर गहरा प्रभाव छोड़ा। उन्होंने कहा कि भारत ने इस क्षेत्र में तेज गति से प्रगति की है। सरकार द्वारा पिछले वर्ष शुरू किए गए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन ने लाखों किसानों को इन स्थायी तकनीकों से जोड़ा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कृषि निर्यात को बढ़ावा देने, पशुधन और मत्स्यपालन के लिए क्रेडिट कार्ड सुविधा के विस्तार, और पीएम-किसान योजना जैसे प्रयासों से प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को महत्वपूर्ण लाभ मिला है। मोदी ने इसे श्री अन्न (मिलेट्स) को बढ़ावा देने के राष्ट्रीय अभियान से भी जुड़ा बताया।उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती न केवल पर्यावरण-सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि यह भारत के किसानों के लिए बेहतर उपज, कम लागत और अधिक आय का रास्ता भी खोलती है।



