Russia–भारत की अटूट दोस्ती
Russia-India's Unbreakable Friendship
विशेष/प्रतिनिधि : भारत और रूस के रिश्ते दशकों से बेहद मजबूत और भरोसे पर आधारित माने जाते हैं। शीत युद्ध के दौर से लेकर आज के बदलते वैश्विक परिदृश्य तक, दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ खड़े रहकर अपनी साझेदारी को निरंतर मजबूत किया है। यही कारण है कि रूस–भारत संबंधों को दुनिया की सबसे स्थिर और भरोसेमंद रणनीतिक साझेदारियों में गिना जाता है।
रक्षा क्षेत्र इस दोस्ती की सबसे बड़ी नींव है। भारत अपनी सैन्य जरूरतों का बड़ा हिस्सा रूस से पूरा करता आया है। एस-400 मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, टैंकों और फाइटर जेट्स जैसी क्षमताएँ रूस से साझेदारी का ही परिणाम हैं। ब्रह्मोस पर संयुक्त विकास जैसी परियोजनाएँ दोनों देशों के तकनीकी विश्वास को दर्शाती हैं।ऊर्जा क्षेत्र में भी सहयोग मजबूत है। रूस भारत के लिए कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के प्रमुख स्रोतों में से एक है। यूक्रेन संघर्ष के बाद भी भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदकर अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को संतुलित रखा, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंध और मजबूत हुए।
इसके अलावा अंतरिक्ष, विज्ञान और शिक्षा में भी सहयोग बढ़ रहा है। ‘गगनयान’ मिशन में रूस की तकनीकी सहायता इसका उदाहरण है।वैश्विक राजनीति में भी दोनों देश एक-दूसरे के हितों का सम्मान करते हैं। भारत रूस को एक विश्वसनीय साझेदार मानता है, जबकि रूस भारत को एशिया में स्थिर और सक्षम नेतृत्व का प्रतीक।कुल मिलाकर, रूस–भारत की दोस्ती रणनीति, विश्वास और पारस्परिक हित पर आधारित है, जो आने वाले वर्षों में और भी मजबूत होने की उम्मीद है।



