Waqf Amendment Bill : हम संविधान के साथ खड़े हैं – सुप्रिया सुळे
Waqf Amendment Bill: We stand with the Constitution - Supriya Sule
नई दिल्ली: लोकसभा में आज (बुधवार, 2 अप्रैल) वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया है, जिस पर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल रही है। इस बिल को लेकर राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है। इस संदर्भ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की वरिष्ठ सांसद सुप्रिया सुले ने बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने इस बिल को लेकर सरकार के इरादों पर सवाल उठाए हैं। बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “यह रणनीति का नहीं, अधिकारों का सवाल है। एक सशक्त लोकतंत्र में देश संविधान से चलता है, किसी के मन से नहीं।” उनका यह बयान सरकार के उन प्रयासों के खिलाफ था, जो वक्फ बोर्ड के अधिकारों को सीमित करने की दिशा में उठाए जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “हम इस मुद्दे पर संसद में बहस में भाग लेंगे, सरकार की बात सुनेंगे और अपना सत्य रखेंगे। जो संविधान के साथ है, हम सब उसी के साथ हैं। इंडिया अलायंस ने इस पर अच्छी चर्चा की है, अब हम सदन में अपनी बात रखेंगे।”
“यह रणनीति का नहीं, अधिकारों का सवाल है। एक सशक्त लोकतंत्र में देश संविधान से चलता है, किसी के मन से नहीं।”
– सुप्रिया सुळे
उद्धव ठाकरे पर फडणवीस का हमला: ‘बालासाहेब के विचार या राहुल गांधी के पदचिन्ह?’
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर हमला बोला है। फडणवीस ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया, “उद्धव ठाकरे बालासाहेब ठाकरे के विचारों पर चलेंगे या राहुल गांधी के पदचिन्हों पर?” सीएम फडणवीस ने लिखा, “उद्धव ठाकरे की सेना हिंदू सम्राट वंदनीय बालासाहेब ठाकरे के विचारों पर चलती है या फिर राहुल गांधी के पद चिन्हों पर चलकर तुष्टीकरण करती रहती है?” यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे रहा है। अब यह देखने वाली बात है कि शिवसेना यूबीटी के सांसद संसद में जाकर वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में बोलते हैं या इसके विरोध में। पार्टी के भीतर इस बिल पर विचार-विमर्श चल रहा है, और जल्द ही एक आधिकारिक रुख का ऐलान किया जाएगा।
कांग्रेस और एनसीपी की रणनीति:
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस बिल के खिलाफ खड़े हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि यह बिल लोकतंत्र और संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। वहीं, एनसीपी ने भी कहा है कि वे संविधान की रक्षा के लिए खड़े रहेंगे।
वक्फ संशोधन बिल पर विपक्ष का विरोध क्यों?
विपक्ष का कहना है कि यह बिल वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कम करने के लिए लाया गया है, जिससे मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों पर असर पड़ेगा। इस बिल के जरिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा, जिससे वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खतरे में पड़ जाएगी। संसद में इस बिल पर 4 अप्रैल तक बहस चलेगी। इसके बाद इस पर मतदान भी किया जाएगा। विपक्ष के पक्ष में बहस को देखते हुए यह संभावना है कि यह बिल संसद में कड़ी परीक्षा का सामना करेगा।