Waqf Amendment Bill : हिंदुत्व और वक्फ विधेयक का कोई संबंध नहीं – संजय राउत
Waqf Amendment Bill: There is no connection between Hindutva and Waqf Bill - Sanjay Raut
मुंबई : लोकसभा में बुधवार को पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। जहां एक ओर विपक्षी दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तीखा पलटवार किया है। दरअसल, देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर उद्धव ठाकरे पर सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि क्या उद्धव ठाकरे बालासाहेब ठाकरे के विचारों पर कायम रहेंगे या फिर राहुल गांधी के पदचिन्हों पर चलकर उनकी खुशामद करते रहेंगे? इस बयान को लेकर संजय राउत ने फडणवीस पर हमला बोलते हुए कहा, ”देवेंद्र जी, वक्फ संशोधन विधेयक और हिंदुत्व के बीच कोई संबंध नहीं है। यह आपकी पार्टी का अराजकता पैदा करने का तरीका है! राहुल गांधी का विषय है तो उनकी दादी ने अमेरिका को आंख दिखाई, और उन्होंने पाकिस्तान को दो भागों में बांटकर विभाजन का बदला ले लिया! क्या आपके पास यह साहस है? बोलिए।” वहीं, वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्षी दलों की तरफ से विरोध जताया जा रहा है। इस विधेयक के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि फडणवीस और उनकी पार्टी विपक्षी दलों को गलत तरीके से हिंदुत्व से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि इस विधेयक का हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है। इस बीच, एकनाथ शिंदे की शिवसेना के सांसद नरेश म्हस्के ने संजय राउत के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा,
”विपक्षी पार्टियां मुस्लिम वोटों को ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में झूठ फैला रही हैं। यह विधेयक गरीब मुस्लिमों के फायदे के लिए है। बालासाहेब ठाकरे ने भी वक्फ का विरोध किया था, लेकिन अब संजय राउत और उनके साथी हिंदुत्व को भूल चुके हैं और राहुल गांधी का तोता बनकर इसका विरोध कर रहे हैं।” – नरेश म्हस्के, सांसद-ठाणे
वक्फ बिल के समर्थन में उतरी शिंदे की शिवसेना
वहीं एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता शंभुराज देसाई ने कहा, “शिवसेना केंद्र सरकार का हिस्सा है और पीएम मोदी के नेतृत्व में काम कर रही है। जब संसद में ऐसे महत्वपूर्ण विधेयक आते हैं, तो पहले विचार-विमर्श किया जाता है और तीन लाइन का व्हिप जारी किया जाता है। अगर वोटिंग की नौबत आई तो पार्टी के निर्देशानुसार मतदान होगा। उन्होंने वक्फ बिल पर शिवसेना (यूबीटी) के विरोध पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जो शिवसेना जैसी पार्टियां कल तक इसका समर्थन कर रही थीं आज इसका विरोध कर रही हैं।” इस राजनीतिक विवाद के बीच वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा जारी है और इसका आगे का रास्ता राजनीतिक हलकों में बड़ा सवाल बना हुआ है।