Waqf Amendment Bill : जहर देकर मार दो हमको; भड़क उठे अबू आज़मी
Waqf Amendment Bill : Kill me by poisoning me; Abu Azmi got angry
नई दिल्ली: लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर गरमागरम बहस के बीच समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। अबू आजमी ने इस बिल का विरोध किया और इसे मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों पर सीधा हमला बताया। अबू आजमी ने कहा, “जो वक्फ संशोधन बिल का समर्थन कर रहे हैं, वे नकली मुसलमान हैं। असली मुसलमान इस बिल के खिलाफ खड़ा है क्योंकि यह जमीन अल्लाह के नाम पर है और इसे किसी भी हालत में बदला नहीं जा सकता।” उन्होंने आगे कहा, “यह दुनिया रहने तक यह जमीन अल्लाह के नाम पर रहेगी। जो कमी होगी उसे सुधारना चाहिए, लेकिन पूरे कानून को बदलना सही नहीं है।”
“जिनके हाथ में सरकार है, उनकी आदत है मुसलमानों को बेइज्जत करना, तबाह करना और खत्म कर देना। मुसलमानों को तंग करने के लिए पहले CA-NRC का मुद्दा उठाया था, अब वक्फ बिल के जरिए हमें निशाना बना रहे हैं।”
– अबू आजमी
‘जहर देकर मार दो हमको’ – अबू आजमी भड़के
अबू आजमी ने सरकार के रवैये पर गुस्से में कहा:”हम क्या करें, मुल्क छोड़ दें? जहर देकर मार दो हमको। ये लोग ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ को खत्म करना चाहते हैं ताकि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कर सकें।” यह बयान सरकार के इरादों पर सवाल उठाता है कि क्या यह बदलाव मुसलमानों के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों को खतरे में डाल रहा है। अबू आजमी ने स्पष्ट किया कि वे इस बिल के खिलाफ किसी भी स्थिति में खड़े रहेंगे “हम वक्फ में किसी भी प्रकार के संशोधन को कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते। मुस्लिम पर्सनल बोर्ड जब तक इस बिल को नहीं मानेगा, तब तक देश का कोई मुसलमान इसे स्वीकार नहीं करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि भले ही सरकार इस बिल को पास कराने के लिए एक मैंडेट लाए, लेकिन मुसलमान इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
उद्धव ठाकरे से अपील: ‘सेक्युलर लोग इस बिल को रोकें’
अबू आजमी ने शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे से अपील की “उद्धव ठाकरे और NDA के सेक्युलर नेता इस बिल को पास न होने दें। हमें अपने धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए और किसी भी सरकार को उनकी धार्मिक आज़ादी छिनने नहीं देना चाहिए। अबू आजमी के इस बयान के बाद वक्फ संशोधन बिल पर बहस और भी तीव्र हो गई है। सरकार जहां इसे मुसलमानों के लिए लाभकारी बता रही है, वहीं विपक्ष इसे धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर हमला मान रहा है। अब देखना यह है कि सरकार इस आलोचना का कैसे जवाब देती है और क्या बिल लोकसभा में पास होगा या नहीं।