Raj Thackeray | औरंगजेब की कब्र पर MNS की सीसीटीवी और पट्टिका लगाने की मांग
Raj Thackeray | MNS demands installation of CCTV and plaque on Aurangzeb's grave
मुंबई : महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से एक पत्र लिखकर इस विवाद को और भी तूल दे दिया है। MNS ने मांग की है कि औरंगजेब की कब्र पर सीसीटीवी कैमरा लगवाया जाए और एक पट्टिका भी लगाई जाए, ताकि इतिहास को सही तरीके से याद रखा जा सके और जो लोग वहां चादर चढ़ाने आएं, उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जा सके। औरंगजेब की कब्र, जो महाराष्ट्र के खलताबाद में स्थित है, लंबे समय से विवाद का कारण रही है। कई हिंदू संगठनों ने मांग की है कि इस कब्र को हटाया जाए, और कुछ कार्यकर्ताओं ने तो यह धमकी भी दी है कि वे इसे खुद उखाड़कर फेंक देंगे। औरंगजेब के शासन को लेकर उनके धार्मिक अत्याचारों और हिंदू मंदिरों के विध्वंस के कारण उसे एक नकारात्मक रूप में देखा जाता है। इसके बावजूद, कुछ लोग इसे ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित करने की वकालत करते हैं।
क्या है MNS की मांगे ?
- MNS ने मांग की है कि औरंगजेब की कब्र पर एक पट्टिका लगाई जाए, जिस पर लिखा हो: “औरंगजेब, जो हमारे मराठों को समाप्त करने आया था, उसे यहीं दफनाया गया।” यह पट्टिका मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज और औरंगजेब के बीच संघर्ष की याद दिलाएगी। MNS का मानना है कि यह हमारे इतिहास को युवा पीढ़ी के सामने सही तरीके से प्रस्तुत करेगा।
- MNS ने यह भी सुझाव दिया है कि कब्र को अधिक सजावटों से मुक्त कर दिया जाए और इसे एक साधारण रूप में रखा जाए, ताकि यह मराठों की वीरता और उनके संघर्ष का प्रतीक बने।
- MNS का सबसे विवादास्पद प्रस्ताव यह है कि औरंगजेब की कब्र पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो भी लोग वहां चादर चढ़ाने आएं, उन पर “देशद्रोह” का मामला दर्ज किया जा सके। पार्टी का कहना है कि यह कदम देशभक्ति को बढ़ावा देगा और किसी को भी इस कब्र को सम्मानित करने का मौका नहीं मिलेगा।
छ. शिवाजी महाराज के विचारों का प्रचार:
MNS ने यह भी कहा कि हमें छत्रपति शिवाजी महाराज के महान कार्यों और उनके विचारों का प्रचार करना चाहिए, ताकि लोग जान सकें कि किस प्रकार वे औरंगजेब जैसी ताकतों का विरोध करते हुए मराठा साम्राज्य की स्थापना में सफल हुए। MNS की यह स्थिति केवल औरंगजेब की कब्र से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सांस्कृतिक और राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। पार्टी इस मुद्दे के माध्यम से मराठा गौरव और हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही, पार्टी का यह कदम महाराष्ट्र में हिंदू संगठनों और राष्ट्रवादी दलों के बीच अपनी पहचान स्थापित करने का प्रयास भी है। हालांकि, MNS के इस कदम पर विरोध भी हो रहा है। आलोचकों का कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियाँ केवल सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देती हैं और समाज में विभाजन को गहरा करती हैं। वे यह भी मानते हैं कि इससे धार्मिक सौहार्द पर बुरा असर पड़ सकता है और एक ऐतिहासिक विवाद को और उग्र किया जा सकता है। राज ठाकरे की MNS की मांगों ने औरंगजेब की कब्र को लेकर फिर से विवाद को ताजा कर दिया है। हालांकि, राज्य सरकार की ओर से इस पत्र का औपचारिक जवाब अभी तक नहीं आया है, लेकिन यह संभावना है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में भी उठेगा और राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा। यह विवाद केवल एक ऐतिहासिक व्यक्ति से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और राष्ट्रीय पहचान पर भी सवाल उठाता है। महाराष्ट्र में इस मुद्दे के उभरने से यह साफ है कि राज्य में ऐतिहासिक दृष्टिकोण और सांप्रदायिक पहचान से जुड़े विवाद भविष्य में और भी गहरे हो सकते हैं। राज ठाकरे की MNS ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से औरंगजेब की कब्र पर पट्टिका लगाने, सीसीटीवी कैमरा लगाने, और चादर चढ़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। यह विवाद महाराष्ट्र के राजनीतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को प्रभावित करने के साथ-साथ राज्य में धार्मिक और सांप्रदायिक तनाव को भी बढ़ा सकता है।