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Raj Thackeray Speaks : देवेंद्र फडणवीस को हमारा समर्थन; औरंगजेब की कब्र पर विवादित बयान

Raj Thackeray Speaks : Our support to Devendra Fadnavis; controversial statement on Aurangzeb's tomb

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुढीपाडवा के अवसर पर मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित अपने बड़े समारोह में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपना बयान दिया। इस दौरान उन्होंने अपनी राजनीतिक रणनीति, महाराष्ट्र के विभिन्न मुद्दों, और राज्य सरकार की नीतियों पर खुलकर बात की। इस भाषण में उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को समर्थन देने की घोषणा की, जो राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर सकती है। गुढीपाडवा के अवसर पर राज ठाकरे ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से कहा, “निवडणुका संपल्या, शिमगा झालेला आहे. देवेंद्र फडणवीसांच्या हाती एक सुसंस्कृत राज्य आलेलं आहे. याच्याकडे नीट बघा. मराठी माणसासाठी जर चांगल्या गोष्टी करणार असाल तर आमचा तुम्हाला निश्चितपणे पाठिंबा आहे. पण प्रत्येक गोष्टी आमचं ऐकून करा।” राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस को अपना समर्थन दिया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि अगर फडणवीस को अच्छा काम करना है तो उन्हें मनसे के दृष्टिकोण और विचारों का पालन करना होगा। राज ठाकरे ने इसे एक तरह से सरकार के लिए एक चेतावनी भी माना जा सकता है कि वे केवल अपने दृष्टिकोण को ही लागू नहीं करें, बल्कि राज्य के अन्य वर्गों की भी सुनें।

क्या इसका मतलब है कि मनसे अब भाजपा के साथ महायुती में शामिल होगी?
यह सवाल इस भाषण के बाद से चर्चा का विषय बन गया है। पिछली बार गुढीपाडवा मेळाव्यात, राज ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया था। अब जब उन्होंने फडणवीस को समर्थन दिया है, तो क्या इसका मतलब है कि मनसे और भाजपा साथ आ रहे हैं? यह सवाल अब राज्य की राजनीति में गरमाया हुआ है और इसका उत्तर आने वाले दिनों में हो सकता है।

औरंगजेब की कब्र पर राज ठाकरे का विवादित बयान

राज ठाकरे ने अपने भाषण में औरंगजेब की कब्र को लेकर भी एक बयान दिया, जो विवादों का कारण बन सकता है। उन्होंने कहा, “औरंगजेबाच्या कबरीभोवतीची सजावट काढून टाका. त्या ठिकाणी फक्त कबर दिसली पाहिजे आणि त्या ठिकाणी एक मोठा फलक लावा. आम्हा मराठ्यांना संपवायाला आलेला औरंगजेब येथे गाडला गेला. हा आमचा इतिहास आहे.” राज ठाकरे ने औरंगजेब की कब्र पर सजावट को हटाने की मांग की और कहा कि वहां एक बड़ा फलक लगाया जाए, जिसमें यह लिखा हो कि “हमारे मराठों के दुश्मन औरंगजेब को यहीं दफन किया गया था”। उनके अनुसार, यह इतिहास का हिस्सा है और इसे सभी शैक्षिक संस्थानों में पढ़ाया जाना चाहिए, ताकि बच्चों को औरंगजेब के अत्याचारों के बारे में जानकारी मिले।

अफझल खान की कब्र पर भी बयान

राज ठाकरे ने अफझल खान की कब्र को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, “अफझल खानाची कबर महाराजांना विचारल्याशिवाय बांधली गेली? शक्यच नाही. त्यांनी सांगितलंच असणार की अफझल खानाची कबर नक्की बांधा. ज्यांना गाडलंय त्यांची प्रतीकं नेस्तनाबूत करुन चालणार नाही. जगाला दाखवलं पाहिजे आम्ही यांना गाडलं आहे.” राज ठाकरे के मुताबिक, अफझल खान की कबर का निर्माण शिवाजी महाराज के निर्देश के बिना नहीं किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतीकात्मकता को मिटाना सही नहीं होगा, बल्कि इसका इतिहास को दुनिया के सामने लाना चाहिए।

राज ठाकरे की राजनीतिक दिशा

राज ठाकरे का यह भाषण उनकी राजनीति के नए रुख को दर्शाता है। एक तरफ जहां उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को समर्थन दिया है, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने राज्य में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीकों पर जोर देते हुए अपनी विचारधारा को स्पष्ट किया है। यह बयान यह भी संकेत देता है कि मनसे भविष्य में भाजपा और अन्य सत्ताधारी दलों के साथ मिलकर अपनी राजनीति को नया रूप दे सकती है। राज ठाकरे का यह भाषण राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है। जहां एक ओर उन्होंने फडणवीस को समर्थन दिया, वहीं दूसरी ओर औरंगजेब और अफझल खान जैसी ऐतिहासिक शख्सियतों पर बयान देकर उन्होंने राजनीतिक और सांस्कृतिक मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में मनसे की राजनीतिक रणनीति किस दिशा में आगे बढ़ेगी और यह गठबंधन राज्य में क्या प्रभाव डाल सकता है।

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