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DowryCase : विवाहिता को प्रताड़ित करने वाले पति को 18 महीने की सजा, Vashi Court का फैसला

husband convicted under 498A : vashi court verdicts

सास, ससूर ननद को माफी, आईपीसी 498 में पहला कन्विक्शन 

विशेष रिपोर्ट /रवि चंद
दहेज प्रताड़ना के एक मामले में नवी मुंबई के वाशी कोर्ट ने विवाहिता के पति चिराग हर्षद सूचक को डेढ़ साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है. 8 दिनों में यदि दंड रकम नहीं भरी गयी तो 8 दिन का सादा कारावास भी भोगना होगा. इस मामले में पीड़िता के पति के अलावा 3 और आरोपी थे जिसे कोर्ट ने जमानत लेकर छोड़ दिया है. यह नवी मुंबई में आईपीसी 498 (अ) का पहला मुकदमा है जिसमें विवाहिता पत्नी की प्रताड़ना के लिए पति को जिम्मेदार मानते हुए 18 महीने की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है.

पहला दहेज केस, पीड़िता को मिली जीत-Police
वाशी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शशिकांत चांदेकर ने बताया कि यह नवी मुंबई में दहेज प्रताड़ना का पहला केस है जिसमें पीड़िता को जीत मिली है. वर्ना ऐसे मामलों में कन्विक्शन नहीं होता है. महिला पुलिस अधिकारी सरिता मुसले ने पोलिस नाईक धीरज सूर्यवंशी और प्रज्ञेश कोठेकर के साथ मिलकर इस अपराध की जांच किया और रिहा हो चुके दोषियों के खिलाफ तथ्य और सबूत इकट्ठे किए.  कोर्ट ने इसे फैसले का आधार बनाया और पत्नी को प्रताड़ित करने वाले पति को सश्रम कारावास की सजा सुनाई.

1.36 करोड़ के गहने और पैसे छीने, मार पीट की
विवाहिता ने वर्ष 2018 में वाशी पुलिस थाने में अपने ससुरालियों के खिलाफ दहेज और घरेलू हिंसा का केस (250/2018) दर्ज कराया था. आरोप था कि जब से उसे बेटी पैदा हुई है तबसे उसका पति चिराग सूचक,  ससुर हर्षद कांतिलाल सूचक, सास जयश्री हर्षद सूचक और बहन प्रीति हेमंत ठक्कर प्रताड़ित करते हैं. ससुरालियों द्वारा पीड़िता के गहने और मायके से लाए पैसे भी छीन लिए जिसकी कुल रकम 1.36 करोड़ बताई गयी. मानसिक और शारीरिक त्रास असहनीय होने पर विवाहिता ने वाशी थाने में आईपीसी की धारा 498 (ए ), 406, 323, 504, 506 और 34 के तहत 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया. गिरफ्तारी हुई और सब छूट गए. मुकदमे (1720/2019) में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की जिस पर 18 मई को सुनवाई हुई. सरकारी वकील अरुण फाटके ने पीड़िता की ओर से पैरवी की जिस पर जज विकास वड़े ने यह फैसला सुनाया.

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