Ganesh Naik को मिली जमानत | HC ने कहा- महिला और नाईक में था रिलेशन, नहीं मान सकते रेप
मुंबई. बीजेपी के नवी मुंबई ऐरोली से विधायक गणेश नाईक को आज बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए दुष्कर्म के मामले में अग्रिम जमानत दे दी है. गणेश नाईक के खिलाफ एक महिला ने बलात्कार का केस दर्ज कराया था. दीपा चव्हाण नामक महिला ने दावा किया था कि नाईक उसके बेटे के जैविक पिता हैं. इससे पहले सेशन कोर्ट ने गणेश नाईक की जमानत याजिका खारिज कर दी थी. इसके बाद गणेश नाईक पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी.फिर उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की.
देखिए पूरी खबरः click here for moew news
https://youtu.be/3Ma62Be4KaA
बांबे हाईकोर्ट ने क्या कहा
ठाणे सेशन कोर्ट में पहली बार यह मामला 22 अप्रैल को सुना गया. हालांकि सत्र न्यायधीश ए.एन.ब्रह्मे ने इसमें गणेश नाईक को कोई राहत नहीं दी, और बेल नामंजूर कर दिया. मिली जानकारी के मुताबिक आज मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जज ने कहा कि संबंधित महिला और गणेश नाईक वर्ष 1993 से ही रिलेशनशिप में थे, लिहाजा पहली नजर में इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता है.
क्या है मामला
बता दें कि नवी मुंबई पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक दीपा चव्हाण नामक महिला ने बीजेपी विधायक गणेश नाईक को अपने बेटे का जैविक पिता बताते हुए उसे नाम और पहचान देने के साथ ही संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग की है. महिला के मुताबिक 27 वर्षों से वह नाईक के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी. कई बार उसने अपने बेटे के लिए नाम देने की अपील की थी जिसे ठुकरा दिया गया, जिसके बाद उसने पुलिस में मामला दर्ज कराकर अपने हक की मांग की.
खूब गरमायी रही राजनीति
इस मामले को भुनाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और नाईक के विरोधियों ने जमकर मोर्चा खोला, पुलिस उपायुक्त कार्यालय पर मोर्चा निकालते हुए गणेश नाईक की गिरफ्तारी की मांग की गयी. बीजेपी से भी बर्खास्त करने की मांग उठी. हालांकि आज बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि लिव इन रिलेशन में रहते हुए शारीरिक संबंध को बलात्कार नहीं मान सकते. फिलहाल इस फैसले से जहां विरोधियों को झटका लगा है वहीं बीजेपी कार्यकर्ता खुशियां मना रहे हैं.