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मशहूर संगीतकार बप्पी लहरी का निधन, लता मंगेशकर के बाद महीने भर में संगीत की दूरी बड़ी क्षति

Music Director Bappi lahiri died,

बॉलिवुड के मशहूर संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का आज सुबह निधन हो गया.सैकड़ों फिल्मों में संगीत दे चुके बप्पी दा कुव्ह दिनों से बीमार चल रहे थे।

कोई गायक अपना एक ऐसा स्थान बनाता है जो बाकियों से बिलकुल जुदा होता है. ऐसे ही गायकों में से एक है हमारे बप्पी दा यानि बॉलिवुड के पहले रॉक स्टार बप्पी लाहिडी हैं जिन्होंने बॉलीवुड में गीतों को पॉप का तड़का लगाया और भारतीय दर्शकों को एक नया स्वाद प्रदान किया. भारतीय संगीत जगत में एक समय ऐसा भी था जब बप्पी लाहिड़ी का नाम आते ही लोगों के जहन में झुमते हुए गानें और बेहतरीन म्यूजिक घुमता था.

 बप्पी लाहिड़ी और उनका सोने से प्यार

बप्पी लाहिड़ी की एक और खासियत उनके गहने हैं. गले में सोने की मोटी चेन और भारी-भारी अंगूठियां पहले बप्पी लाहिड़ी को देखने वाले सोने की दुकान तक कहते हैं. लेकिन सच तो यह है कि बप्पी लाहिड़ी को सोने से बेहद लगाव है और वह सोने को अपने लिए लकी मानते हैं.

Bappi Lahiri’s Personal Life: बप्पी लाहिड़ी का निजी जीवन

27 नवंबर, 1952 को बप्पी लाहिड़ी का जन्म कोलकाता में हुआ था. वह एक धनाढ्य़ संगीत घराने से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता अपरेश लाहिड़ी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे. उनकी माता बांसरी लाहिड़ी (Bansari Lahiri) भी बांग्ला संगीतकार थीं. बप्पी दा अपने माता पिता की अकेली संतान हैं.

बप्पी लाहिड़ी का व्यक्तित्व

बप्पी लाहिड़ी की बात हो और उनके स्टाइल पर नजर ना जाए ऐसा हो ही नहीं सकता. महंगे और सोने के गहने पहनने वाले बप्पी लाहिड़ी हमेशा रॉकस्टार की लुक में नजर आते हैं. बातचीत के ढंग से भी वह एक ऐसा मिश्रण लगते हैं जिसमें भारतीय रंग रूप के साथ अधिक मात्रा में विदेशी फैशन हो. उनके पहनावे में अधिकतर ट्रैकसूट या कुर्ता पायजामा होता है. इसके साथ ही बप्पी लाहिड़ी अपने धूप के चश्मों को गर्मी हो या सर्दी कभी नहीं छोड़ते.

Bappi Lahiri Career: कॅरियर

बप्पी लाहिड़ी 19 साल की उम्र में ही बॉलिवुड में नाम कमाने के लिए मुंबई चले गए. साल 1973 में उन्हें हिन्दी फिल्म “नन्हा शिकारी” में गाना गाने का मौका मिल गया. हालांकि उन्हें बॉलिवुड में असली पहचान 1975 की फिल्म “जख्मी” से मिली. इस फिल्म में उन्होंने मोहम्मद रफी और किशोर कुमार जैसे महान गायकों के साथ गाना गाया. इसके बाद तो जैसे बप्पी दा का गाना सबकी जुबान पर छाने लगा.

इसके बाद दौर आया बप्पी लाहिड़ी और मिथुन चक्रवर्ती की जोड़ी का. इस दोनों की जोड़ी ने बॉलिवुड में ऐसी धूम मचाई कि सब डांस और डिस्को म्यूजिक के दीवाने हो गए. उन्होंने मिलकर डिस्को डांसर, डांस डांस, कसम पैदा करने वाले जैसी फिल्मों को अपने गानों से ही हिट बना दिया

हिन्दी सिनेमा में बिना हिन्दी से छेड़छाड़ किए बप्पी दा ने संगीत को नई दिशा दी. उन्होंने अपने एलबमों में अशोक कुमार और आशा भोसले की आवाज का बखूबी इस्तेमाल किया. एलिशा चिनॉय और ऊषा उथुप के साथ मिलकर उन्होंने कई हिट नंबर दिए.हालांकि उन पर कई बार विदेशी धुनों को भी चुराने का आरोप लगा पर उन्होंने आगे बढ़ने पर ही जोर दिया. 1990 के दशक में बप्पी दा फिल्मों से पूरी तरह अलग होकर अपने एलबमों पर ही काम करने लगे थे.

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