Fake न्यूज़ हमारी डेमोक्रेसी के लिए खतरा
Fake News Threatens Our Democracy
दिल्ली/प्रतिनिधि: लोकसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश में बढ़ती फेक न्यूज़, भ्रामक जानकारी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित डीपफेक के मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज़ का दायरा लगातार बढ़ रहा है और यह लोकतंत्र की बुनियाद के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से फैलने वाली गलत सूचनाएं समाज में भ्रम, तनाव और गलत धारणाएं पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा, “फेक न्यूज़ हमारे लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरा है। सोशल मीडिया, फेक कंटेंट और AI-जेनरेटेड डीपफेक पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है।”
वैष्णव ने यह भी कहा कि कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अब ऐसे इकोसिस्टम का हिस्सा बन गए हैं, जो भारत के संविधान और संसद द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करने से बचते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का रवैया न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि डिजिटल सुरक्षा और राष्ट्र की अखंडता के लिए भी जोखिम पैदा करता है।मंत्री ने सांसदों को आश्वस्त किया कि सरकार इस दिशा में व्यापक नीति और कड़े नियामक ढांचे पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि डिजिटल दुरुपयोग, डीपफेक, डेटा सुरक्षा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मजबूत कानून बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार डिजिटल स्पेस में पारदर्शिता बढ़ाने और सोशल मीडिया कंपनियों की जवाबदेही तय करने के लिए नए उपायों पर विचार कर रही है। इसमें फेक न्यूज़ की पहचान, डीपफेक की रोकथाम, तकनीकी मॉनिटरिंग सिस्टम और सख्त दंडात्मक प्रावधान शामिल होंगे।लोकसभा में मंत्री के जवाब के बाद यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है कि डिजिटल युग में फेक न्यूज़ और एआई जनित सामग्री को रोकना अब समय की सबसे बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।



