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Ram Navami | रामनवमी पर बेलापुर के श्रीराम जानकी मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

Ram Navami | Huge devotees gathered at Shri Ram Janaki temple in Belapur

नवी मुंबई/ सीएल गुप्ता:  देश भर में श्री रामनवमी की धूम मची है. आज रविवार को वसंत नवरात्रि के समापन पर आयोजित रामनवमी पर्व पर मुंबई, उपनगर समेत नवी मुंबई के तमाम श्रीराम मंदिर भजन-कीर्तन से गुंजायमान हो उठे हैं. बेलापुर गांव में स्थित नवी मुंबई के सबसे पुरातन और विशाल मंदिर में आज विशाल मेला लगा है. भगवान श्रीराम जानकी के मंदिर को फूलों से सजाया गया है. नगर में शोभायात्रा निकाली गयी है. पर्व पर भगवान श्रीराम के विशेष दर्शन के लिए यहां हजारों की संख्या में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है. आज अलस्सुबह 5 बजे से मंदिर की घंटियां बजने लगी. विविध धार्मिक अनुष्ठानों के बीच यहां भगवान राम और मां सीता का अभिषेक किया गया. वेदमंत्रों के बीच भक्तों ने अपने भगवान की पूजा-अर्चना की और मंगल के लिए प्रार्थना की.

भगवान श्रीराम जानकी के मंदिर को फूलों से सजाया गया है. नगर में शोभायात्रा निकाली गयी है. यह उत्सव लोगों में धार्मिक चेतना बढ़ाने और भगवान श्रीराम के आदर्श और समरसता के भाव का बोध कराता है. यही वजह है कि सैकड़ों वर्षों से यह धार्मिक मेला चलता आ रहा है.

100वर्षों से चली आ रही उत्सव और मेले की परंपराः निलकंठ म्हात्रे

बेलापुर के इस श्रीराम जानकी मंदिर में हर साल रामनवमी पर भव्य धार्मिक अनुष्ठान होते हैं. सकल बेलापुर गांव के रहिवासी एक साथ आकर यहां उत्सव का आयोजन करते हैं. आज के अनुष्ठान में शिवसेना विभाग प्रमुख निलकंठ म्हात्रे, स्थानीय विधायक मंदा म्हात्रे, कांग्रेस की महिला जिलाध्यक्ष पूनम मिथुन पाटिल समेत तमाम पार्टियों के नेता-कार्यकर्ता और भक्तों ने यहां हाजिरी लगाई. निलकंठ म्हात्रे ने कहा कि बेलापुर के श्रीराम जानकी मंदिर में उत्सव और भव्य मेले की परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है. यहां रायगड़, पनवेल, ठाणे और आस पास के उपनगरों के लोग मेला देखने आते रहे हैं. 100 वर्षों बाद भी बेलापुर गांव में रामनवमी पर यह परंपरा जारी है. गांव के सभी रहिवासी एक साथ उत्सव का आयोजन करते हैं और मिलजुकर पर रामनवमी का पर्व मनाते हैं.  वहीं कांग्रेस की पुनम पाटिल ने कहा कि यह उत्सव लोगों में धार्मिक चेतना बढ़ाने और भगवान श्रीराम के आदर्श और समरसता के भाव का बोध कराता है. यही वजह है कि सैकड़ों वर्षों से यह धार्मिक मेला चलता आ रहा है.

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