Delhi Election 2025 | ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ के सहारे हैं केजरीवाल
Delhi Election 2025 | Kejriwal relies on 'soft Hindutva'
Arvind Kejriwal सॉफ्ट हिंदुत्व : कुछ साल पहले तक भारत की राजनीति में यह आम धारणा थी कि बीजेपी के नेता ही मंदिर जाते हैं लेकिन समय बदलने के साथ यह धारणा टूटी है। न सिर्फ कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी बल्कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले सालों में लगातार मंदिरों के दर्शन किए हैं और ऐसा करके उन्होंने बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति के मुकाबले में ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ का हथियार चला है।दिल्ली विधानसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने से पहले अरविंद केजरीवाल फिर से मंदिर पहुंचे। हाल ही में दिल्ली सरकार की ओर से किए गए कुछ ऐलानों के बाद यह साफ दिखा है कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल ने ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ के रास्ते पर तेजी से कदम बढ़ाए हैं। सवाल यह है कि क्या इसके दम पर वे दिल्ली में फिर से आम आदमी पार्टी की सरकार बना पाएंगे?दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत का पूरा दारोमदार एक बार फिर से अरविंद केजरीवाल के कंधों पर है। केजरीवाल दिल्ली की राजनीति के ऐसे नायाब नेता हैं जिन्होंने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस जैसे स्थापित राजनीतिक दलों को लगभग ध्वस्त कर दिया और प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई। जबकि इतनी बड़ी जीत शीला दीक्षित भी कांग्रेस को नहीं दिला सकी थीं। लेकिन 2025 का विधानसभा चुनाव पिछले दो चुनाव जैसा आसान नहीं दिखाई देता।
इस विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी बीजेपी-कांग्रेस की ओर से मिल रही जोरदार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।अरविंद केजरीवाल जहां अपने सरकारी आवास को ‘शीशमहल’ बताए जाने को लेकर और इसमें किए गए खर्च को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के जोरदार हमलों का सामना कर रहे हैं। वहीं, कथित शराब घोटाले को लेकर भी वह इन दोनों ही राजनीतिक दलों के निशाने पर हैं। इस मामले में न सिर्फ केजरीवाल बल्कि पार्टी के अन्य बड़े नेता मनीष सिसोदिया, संजय सिंह भी जेल की हवा खा चुके हैं।बीजेपी-कांग्रेस के द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों के बीच दिल्ली के विधानसभा चुनाव से पहले हालात कुछ ऐसे बने कि केजरीवाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी और आतिशी को उन्होंने इस बड़े पद पर बैठने का मौका दिया।