हिन्दी साहित्य अकादमी का मेघ मल्हार कार्यक्रम : कार्याध्यक्ष ने बताया आनंद का ऋतुकाल
Megh malhar program for mansoon by Hindi sahitya acadamy
प्रतिनिधि/ मुंबई : वर्षा ऋतु के आगमन के उपलक्ष्य में महाकवि कालीदास की जयंती के अवसर पर मंगलवार को महाराष्ट्र हिन्दी साहित्य अकादमी द्वारा मुंबई के रविंद्र नाट्य मंदिर में मेघ मल्हार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अकादमी की उपाध्यक्ष श्रीमती मंजु लोढ़ा, श्रीमती प्रियंका ठाकुर, अतिथि वक्ता डॉ. उषा मिश्रा समेत कई साहित्यकर्मी एवं सदस्य मौजूद रहे. यहां कई साहित्यकर्मियों एवं कवियों ने अपने संबोधन और कविताओं के जरिए मेघ मल्हार का आवाहन किया. अकादमी के कार्याध्यक्ष शीतला प्रसाद दूबे ने उत्तर प्रदेश में प्रचलित एक लोकगीत का उल्लेख करते हुए कहा कि साहित्य में मेघ मल्हार और आषाढ़-श्रावण के अलौकिक उदाहरण देखने को मिलते हैं. अनेकानेक कवियों ने वर्षा ऋतु की हरियाली और आनंद का वर्णन किया है,जिसमें हर्ष और आनंद के दर्शन होते हैं. उनमें प्नणय है तो वेदना भी है. उन्होंने कहा कि मानसून की फुहारों से प्रारंभ होने वाला आषाढ़ मास एक ऐसा ऋतुकाल है जो प्रकृति के सौन्दर्य के साथ ही आनंद और विरह दोनों का साथ-साथ अनुभव कराता है. उन्होंने कहा कि आज के मेघ मल्हार कार्यक्रम में जिस तरह शब्दों के मेघ आनंद बनकर झरे हैं उसी तरह यह मेघ मल्हार हम सबके जीवन में सदैव आनंद और उल्लास की बारिश करते रहेंगे.
सुनो सुनो रे बादलों- काव्य गोष्ठी में गूंजी कविताएं
मेघ मल्हार कार्यक्रम में काव्य संगोष्ठी भी आनंददायक रही. काव्य पाठ की शुरूआत कवि गजानन महतपुरकर ने किया. उत्तराखंड के कवि डॉ. राजेश्वर उनियाल ने अपने काव्य के माध्यम से अभिज्ञान शाकुंतलम के रचईता कालजयी कवि कालीदास को शब्द सुमन समर्पित किए. यहां कवि आनंद सिंह, श्रीमती प्रमिला शर्मा, मार्कंडेय त्रिपाठी, एवं अरविंद शर्मा राही ने एक से बढ़कर एक गीत और कविताएं पढ़ीं और श्रोताओं की जमकर तालियां बटोरी. यहां गायक विनोद दूबे की अनूठी संगीतमय प्रस्तुति मेघा रे मेघा रे….ने सबका दिल जीत लिया. कार्यक्रम का सूत्र संचालन कवि अरविंद शर्मा राही ने किया तथा अकादमी के सदस्य ने आभार प्रदर्शन किया.